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हाल ही भारत के केरल राज्य से कुछ ऐसा केस आया जिसमें एक ऐसा जीवाणु पाया गया जो हमारे मस्तिष्क को धीरे धीरे कर के खाता है। इस जीवाणु का वैज्ञानिक नाम नेगलेरिया फाउलेरी है जो की एक खतरनाक जीवाणु है। कुछ इसे brain eating amoeba भी कहते है। ये जीवाणु ज्यादातर गर्म जगहों में पाए जाते है। आज इस लेख में हम इसके बारे में जानेंगे और साथ ही इसके लक्षण, बचाव, के बारे में भी जानेंगे।
नेगलेरिया फाउलेरी (brain eating amoeba) क्या होता है?
नेगलेरिया फाउलेरी एक प्रकार का अमीबा होता है जो की गर्म वातावरण पाके गर्म पानी में पनपता है जैसे – गर्म झरने, झील, नदिया, स्विमिंग पूल जहां पानी रुका हुआ हो। और जब हम इस पानी में नहाते है तो नेगलेरिया फाउलेरी (brain eating amoeba) जो की एकल कोशिका जीवाणु है वो हमारे नाक के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करता है और हमारे लिए जानलेवा साबित होता है। यह नाक के माध्यम से हमारे मस्तिष्क में पहुंचता है और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पे हमला करता है।
नेगलेरिया फाउलेरी का जीवन चक्र –
नेगलेरिया फाउलेरी जिसे brain eating amoeba भी कहते है मनुष्यों में गंभीर और घातक संक्रमण का कारण बनता है। हालाकि इसका केस बहुत ही रेयर केस में मिलता है। नेगलेरिया फाउलेरी अपना जीवन तीन चरण में व्यतीत करता है सिस्ट, ट्रोफोज़ोइट और फ्लैगेलेट। जिसमे से ट्रोफोज़ोइट चरण में ये सबसे ज्यादा संक्रमणकारी होता है। ये 46 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान तक जीवित रह सकता है। इसलिए ये गर्म पानी में भी जीवित रह जाता है।
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नेगलेरिया फाउलेरी से होने वाला रोग –
PAM यानी प्राथमिक अमीबिक मैनिंजोएन्सेफलाइटिस, नेगलेरिया फाउलेरी (brain eating amoeba) के संक्रमण के द्वारा होता है। ये एक बहुत जानलेवा संक्रमण वाला रोग होता है जिसमे मृत्यु होने का चांस ज्यादा होता है, परन्तु घबराने वाली बात नही होती क्योंकि किन्हीं 100 में से 1 को होता है और रेयर केस में पाया जाता है।
PAM रोग के शुरुवाती लक्षण –
यहां तक हम जान चुके है की PAM नाम का बीमारी नेगलेरिया फाउलेरी (brain eating amoeba) के संक्रमण से होता है इसकी कुछ शुरुवाती लक्षण 1-9 दिनों में या हफ्ते भर के अंदर दिखने लगता है। जो इस प्रकार होते है – सिर दर्द, उल्टी, मतली, गर्दन का अकड़ना और संक्रमण अधिक होने पर दौरे, कोमा तक की स्थिति आ सकती है। क्योंकि ये हमारी मस्तिष्क को प्रभावित करता है इसलिए हमे दैनिक व्यवहार से संबंधित भी बदलाव देखने को मिलते है।
क्या है उपाय ?
PAM एक ऐसी संक्रमण से होने वाली बीमारी है जिसका अभी तक कोई एक उपचार नही है। इस नेगलेरिया फाउलेरी (brain eating amoeba) का पता लगाने के लिए डॉक्टर्स इनमे से कुछ प्रमुख टेस्ट कर सकते है जैसे – लम्बर पंचर, CSF विश्लेषण, मालाकोफोरोसिस, PCR (पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन), रीयल-टाइम PCR, सीटी स्कैन और एमआरआई, इंडायरेक्ट इम्यूनोफ्लोरेसेंस, एलिसा (ELISA) इत्यादि।
कैसे करे बचाव ?
PAM एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई निश्चित उपचार अभी तक नही बना है ऐसे में हम खुद यदि कुछ सावधानी बरते तो हम इस समस्या से दूर रह सकते है और एक मात्र सावधानी और बचाव ही इसका समाधान है क्योंकि इस बीमारी में मरने चांस ज्यादा होता है पर असंभव नहीं। आईए जाने की कौन कौन सी चीजों से हम इस बीमारी से दूर रह सकते है।
- सबसे पहले गर्म वातावरण या गर्मी में नदियों, गर्म झरनों, स्विमिंग पूल में नहाने से बचे।
- स्विमिंग पूल में नहाने से पहले उसकी स्वच्छता पे ध्यान दे।
- तैरते वक्त पानी को नाक में जाने से रोके।
- बच्चो को गर्म पानी के स्त्रोतों से दूर रखे या फिर सुनिश्चित करे की उनके नाक में पानी न जाए।
- फेस का नाक की सफाई के लिए जर्म्स फ्री पानी का उपयोग करे।
- तैरने के लिए हमेशा ऐसे जगह की तलाश करे जहा कीटाणुरहित पानी हो और लागतार वहा की सफाई होती हो।
निष्कर्ष –
PAM जानलेवा और घातक संक्रमण होता है जो एक अमीबा नेगलेरिया फाउलेरी (brain eating amoeba) की वजह से होता है जो की गर्म पानी के स्त्रोतों में पाए जाते है और ये अमीबा हमारे नाक के माध्यम से हमारे मस्तिष्क में पहुंच कर उसे संक्रमित करता है। इसका खास कोई उपचार अभी नहीं बना है परंतु हम इसे थोड़ा बहुत सावधानी बरत कर इससे निजात पा सकते है। खास कर यदि हम अपने नाक की साफ सफाई पर और उपयोग में लाए जाने वाले पानी के प्रति थोड़ा सचेत रहे तब हम इस बीमारी से खुद को बचा सकते है।